興亡の世界史
興亡の世界史(こうぼうのせかいし)は、株式会社講談社が2006年11月から2010年5月にかけて刊行した叢書。全21巻。
2016年2月から2019年1月にかけて、講談社学術文庫に収められた。
編集委員で第00巻の著者でもある青柳正規は、狭義の歴史学者に留まらない執筆者を世界史のダイナミズムを生み出したと評している[1]。
タイトル一覧
編集巻 | 著者 | 書名 | 刊行年月日 | 同左(文庫) | ISBN |
---|---|---|---|---|---|
00 | 青柳正規 | 『人類文明の黎明と暮れ方』 | 2009/11/21 | 2018/ | 6/11ISBN 978-4-06-280700-5 |
01 | 森谷公俊 | 『アレクサンドロスの征服と神話』 | 2007/ | 1/182016/ | 2/11ISBN 978-4-06-280701-2 |
02 | 林俊雄 | 『スキタイと匈奴 遊牧の文明』 | 2007/ | 6/162017/ | 1/12ISBN 978-4-06-280702-9 |
03 | 佐藤育子、栗田伸子 | 『通商国家カルタゴ』 | 2009/ | 9/182016/10/12 | ISBN 978-4-06-280703-6 |
04 | 本村凌二 | 『地中海世界とローマ帝国』 | 2007/ | 8/212017/ | 9/12ISBN 978-4-06-280704-3 |
05 | 森安孝夫 | 『シルクロードと唐帝国』 | 2007/ | 2/172016/ | 3/11ISBN 978-4-06-280705-0 |
06 | 小杉泰 | 『イスラーム帝国のジハード』 | 2006/11/15 | 2016/11/11 | ISBN 4062807068 |
07 | 原聖 | 『ケルトの水脈』 | 2007/ | 7/182016/12/10 | ISBN 978-4-06-280707-4 |
08 | 陣内秀信 | 『イタリア海洋都市の精神』 | 2008/ | 7/182018/10/11 | ISBN 978-4-06-280708-1 |
09 | 杉山正明 | 『モンゴル帝国と長いその後』 | 2008/ | 2/192016/ | 4/12ISBN 978-4-06-280709-8 |
10 | 林佳世子 | 『オスマン帝国500年の平和』 | 2008/10/25 | 2016/ | 5/11ISBN 978-4-06-280710-4 |
11 | 石澤良昭 | 『東南アジア 多文明世界の発見』 | 2009/ | 5/292018/ | 8/10ISBN 978-4-06-280711-1 |
12 | 網野徹哉 | 『インカとスペイン 帝国の交錯』 | 2008/ | 5/ 22018/11/ | 9ISBN 978-4-06-280712-8 |
13 | 福井憲彦 | 『近代ヨーロッパの覇権』 | 2008/12/18 | 2017/10/11 | ISBN 978-4-06-280713-5 |
14 | 土肥恒之 | 『ロシア・ロマノフ王朝の大地』 | 2007/ | 3/172016/ | 9/10ISBN 978-4-06-280714-2 |
15 | 羽田正 | 『東インド会社とアジアの海』 | 2007/12/18 | 2017/11/11 | ISBN 978-4-06-280715-9 |
16 | 井野瀬久美惠 | 『大英帝国という経験』 | 2007/ | 4/182017/12/13 | ISBN 978-4-06-280716-6 |
17 | 平野聡 | 『大清帝国と中華の混迷』 | 2007/10/ | 12018/ | 1/13ISBN 978-4-06-280717-3 |
18 | 姜尚中、玄武岩 | 『大日本・満州帝国の遺産』 | 2010/ | 5/282016/ | 6/11ISBN 978-4-06-280718-0 |
19 | 生井英考 | 『空の帝国 アメリカの20世紀』 | 2006/11/15 | 2018/12/11 | ISBN 406280719X |
20 | 杉山正明、 大塚柳太郎、ほか | 『人類はどこへ行くのか』 | 2009/ | 4/252019/ | 1/11ISBN 978-4-06-280720-3 |
脚注
編集- ^ 青柳正規 (2019年1月29日). “歴史のプロが語る「断片ではない『大局としての世界史』を学ぶ意味」”. 現代新書. 講談社. 2019年6月9日閲覧。